परिचय :
चिमनी आधुनिक रसोई के लिए वह उपकरण है जो भोजन बनाने के उपरांत या तैयार करते समय होने वाले धुंए या तेल के कण को रसोई को साफ रखने के लिए एक सही चिमनी का चुनाव कैसे करें? और क्यूँ करें ये जानने के लिए इस लेख में बहुत से ऐसे जवाब जानने को मिलेंगे जिससे हमारी रसोई स्वच्छ सुन्दर और साफ़ रहेगी। हमें हमेशा रसोई को साफ रखने के लिए एक सही चिमनी का चुनाव कैसे करें?जिससे हमारी रसोई स्वच्छ साफ और धुआं-मुक्त रहे उसके लिए एक सही अच्छी कंपनी की चिमनी जिसकी सक्शन पॉवर मजबूत और शक्तिशाली जरूर होनी चाहिए , चिमनी हमारे लिए सिर्फ एक लग्जरी आइटम नहीं है, बल्कि एक ज़रूरत है जो रसोई की हवा को स्वच्छ व साफ रखती है।
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Toggle1. चिमनी के प्रकार: रसोई को साफ रखने के लिए एक सही चिमनी का चुनाव कैसे करें?
हमारे भारतीय रसोई के लिए चिमनी के कई प्रकार हैं जो उनके बनावट काम करने की क्षमता और डिज़ाइन के ऊपर निर्भर करता है , जिन्हें अलग – अलग भागों में बांटा गया है ,
रसोई की बनावट के आधार पर रसोई को साफ रखने के लिए एक सही चिमनी का चुनाव कैसे करें?
1. वॉल-माउंटेड चिमनी (Wall-Mounted Chimney) :
इस चिमनी को रसोई के वातावरण को शुद्ध करने के लिए एक सरल डिज़ाइन किया गया है , जो गैस बर्नर के ऊपर सीधे दीवार में रसोई के किसी भी कोने में लगाया जाता है , ये चिमनी रसोई की हवा को शुद्ध करने के लिए एक डक्ट पाइप के माध्यम से हवा को बाहर निकालती है ,सही चिमनी का चुनाव कैसे करें? जिससे रसोई की दीवारें गन्दी और गंध दोनों से बचती है।
2. आइलैंड चिमनी (Island Chimney) :
आइलैंड चिमनी जो रसोई के बीचो – बीच में काउंटर टॉप के ऊपर लटकायी जाती है , ये चिमनी ऐसे रसोई घरों के लिए या फिर रसोई हॉल के बीच में छत से हुक के माध्यम से लटकायी जाती है , जिससे रसोई में चारों ओर फैलने वाले धुंए को खींचकर बाहर करती है और रसोई की सुंदरता बनाये रखती है।
3. बिल्ट-इन चिमनी डिज़ाइन (Built-in Chimney):
बिल्ट-इन चिमनी हमारे आज के मॉड्यूलर रसोई के लिए बिल्कुल फिट बैठती है , जो कि कैबिनेट के अंदर लग जाती हैं, जिससे रसोई की फिनिशिंग लुक दिखता है ,ये चिमनी बाहर से दिखाई नहीं देती। इस चिमनी का लुक और रख – रखाव उन लोगों के लिए एक बेहतरीन अच्छा विकल्प होता है जो अपनी रसोई को एक साफ सादगी और सरलता भरा लुक देना चाहते हैं।
2. चिमनी के फ़िल्टर: सही फ़िल्टर का चुनाव क्यों ज़रूरी है?
फ़िल्टर चिमनी के वह भाग हैं ,जो रसोई की हवा से चिकनाई , धुंआ , तेल के कण और गंध को फ़िल्टर करके बाहर निकालती है , एक हिसाब से सोंचा जाये तो फ़िल्टर रसोई का दिल होता है। क्यूंकि रसोई में या चिमनी के अंदर होने वाली चिकनाई को फ़िल्टर साफ़ करता है या फिर पिघला देता है।
आज के समय में मुख्य रूप से तीन प्रकार के फ़िल्टर उपयोग किये जाते हैं –
1 . बैफल फ़िल्टर (Baffle Filter) :
बैफल फ़िल्टर एक वायु फ़िल्टर होता है , जो कई घुमावदार परतों से बना होता है , खाना बनाते समय जब धुंआ इन घुमावदार परतों में टकराता है , तो तेल और ग्रीस इन परत में आकर जमा हो जाती है , यह अन्य फ़िल्टर की तुलना में ज़्यादा प्रभावी होता है जिसके वजह से चिकनाई को बेहतर तरीके से अलग करता है। इस फ़िल्टर को अन्य फ़िल्टर की अपेक्षा बार-बार साफ करने की ज़रूरत नहीं होती जिसके वजह से इसकी सक्शन पॉवर मजबूत बनी रहती है। भारतीय रसोई के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। जिसके वजह से रसोई स्वच्छ और साफ़ रहती है।
2 . कार्बन फ़िल्टर (Carbon Filter) :
कार्बन फ़िल्टर वह फ़िल्टर है , जो रसोई में होने वाले धुंए और गंध को बहुत अच्छे तरीके से सोखता है , कार्बन फ़िल्टर का ज्यादातर इस्तेमाल डक्टलेस चिमनी में इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें फ़िल्टर की हुयी हवा को वापस रसोई में ही छोड दिया जाता है , इस फ़िल्टर को धूल नहीं सकते है ,जिसको इस्तेमाल के बाद केवल बदल सकते हैं।
3 . मेश फ़िल्टर (Mesh Filter) :
मेश फ़िल्टर कई एल्युमिनियम की परतों से स्टेनलेस स्टील की जाली से बना होता है। यह फ़िल्टर हवा के द्वारा रसोई के धुंए को फ़िल्टर करके चिकनाई के कणों को अपनी जाली में फँसा लेता है।
ये फ़िल्टर अन्य फ़िल्टर की अपेक्षा सस्ते होते हैं , और सफाई करना बहुत सरल और आसान होती है
मेश फ़िल्टर के नुकसान
मेश फ़िल्टर हमारे भारतीय खाना पकाने के अनुसार थोड़ा कम सुविधा जनक माना जाता है क्यूंकि इसकी जाली थोड़ी महीन छेद में आती है , जिसके वजह से तेल चिकनाई के कण इस फ़िल्टर पर जल्दी जमा होते हैं, जिससे सक्शन पावर कमजोर हो जाती है। जिसके कारण फ़िल्टर को बार-बार साफ करना पड़ता है।
3. सक्शन पावर: आपकी रसोई के लिए कितनी सक्शन पावर की ज़रूरत है?
रसोई की अच्छी सफाई करने के लिए चिमनी में अच्छी सक्शन पॉवर बहुत जरुरी होता है , स्मार्ट चिमनी जो रसोई से धुआँ और चिकनाई अच्छी तरह से हटा सके। उसके लिए स्मार्ट सक्शन पॉवर के साथ – साथ रसोई के आकार , कितने लोगों को खाना बनाने के तरीके पर निर्भर करता है।
ये एक ब्लोअर पंखे की तरह होता है जो रसोई में खाना बनाने के समय जो तेल के कण , मसाले की गंध को खींचकर बाहर निकाल देती है इस दौरान चिमनी की सक्शन पावर जितनी ज़्यादा होगी, उतनी ही तेज़ी से और ज़्यादा मात्रा में हवा को बाहर निकालेगा।
1. रसोई का आकार :
अपने चिमनी की सक्शन पॉवर को बनाये रखने के लिए सबसे पहले अपने रसोई का आकार साइज के साथ – साथ लम्बाई x चौड़ाई और ऊंचाई के आधार पर अपने चिमनी को चुनना चाहिए जो कि रसोई के लिए अच्छी तरह से अपना परफॉर्म कर सके और चिमनी के क्षमता बनी रहे।
रसोई का आयतन नापने के लिए हमें फॉर्मूला : लंबाई (फीट) x चौड़ाई (फीट) x ऊंचाई (फीट) = रसोई का कुल आयतन जिसे (क्यूबिक फीट) में मापा जाता है।
इस फॉर्मूले के हिसाब से एक बार जब आपके पास आयतन हो जाए, तो इसे प्रति घंटे हवा बदलने की दर से गुणा करें। एक सामान्य नियम के अनुसार, चिमनी को हर घंटे कम से कम 10 बार रसोई की हवा को पूरी तरह से बदलना चाहिए।
जैसे : आवश्यक सक्शन पावर (cfm) = रसोई का आयतन (क्यूबिक फीट) x 10
यदि इस फॉर्मूले को क्यूबिक मीटर प्रति घंटे (m³/hr) में बदलना चाहते हैं, तो 1 m³/hr लगभग 35.31 cfm के बराबर होता है।
2. खाना पकाने की आदतें (भारतीय खाना) :
खाना बनाने के अनुसार यदि रसोई में ज्यादा तले , तड़का या फिर ज्यादा मसालेदार भारतीय भोजन बनता है जिसके वजह से रसोई में धुंआ , तेल के कण और ग्रीस ज्यादा मात्रा में बनता है तो उस रसोई के लिए ज़्यादा सक्शन पावर वाली एक स्मार्ट और अच्छी चिमनी की ज़रूरत पड़ेगी।
सामान्य तौर पर भारतीय खाना पकाने के लिए: 1000 – 1200 m³/hr की सक्शन पावर काफी होती है।
भारतीय खाना पकाने के लिए: 1200 – 1400 + m³/hr की सक्शन पावर वाली चिमनी सबसे अच्छी होती है।
3. धुएँ और चिकनाई के स्तर पर चिमनी सेलेक्शन :
जब भी रसोई में खाना बनाते हैं तो उस समय ये देखें कि हमारे खाना बनाने के स्तर से कितना धुंआ , चिकनाई और गंध का कितना एहसास होता है , उस समस्या को देखते हुए अपने रसोई के लिए सही चिमनी का चयन करें , चिमनी को चयन करने से पहले अपने रसोई के वातावरण को जरूर ध्यान दें कि चिमनी का आउट वेन्टिलेशन कैसा है , यदि रसोई में खाना पकाने की जगह खिड़की के पास नहीं है या वेंटिलेशन कम है, तो ज़्यादा सक्शन पावर वाली चिमनी लेनी चाहिए।
उदाहरण के तौर पर :
यदि रसोई 10 फीट लंबी, 8 फीट चौड़ी और 9 फीट ऊंची है।
- आयतन: 10 x 8 x 9 = 720 क्यूबिक फीट
- आवश्यक cfm: 720 x 10 = 7200 cfm
- आवश्यक m³/hr: 7200 / 35.31 ≈ 204 m³/hr
पर्सनल सलाह :
जब भी हम भारतीय खाना पकाने के लिए चिमनी खरीदें हमेशा एक मजबूत और ज़्यादा सक्शन पावर वाली चिमनी लेना बेहतर होता है ताकि रसोई एकदम साफ और गंध-मुक्त रहे। इसलिए, एक 1000 m³/hr या उससे ज्यादा सक्शन पॉवर वाली चिमनी रसोई के लिए एक अच्छा विकल्प रहेगा।
4.चिमनी का सही आकार तय करें:
रसोई में अच्छा और सुन्दर वातावरण बनाये रखने के लिए चिमनी का सही आकार चुनना उतना ही ज़रूरी है जितना कि उसकी सक्शन पावर।
1. कुकिंग हॉब की सही लम्बाई और चौड़ाई :
हमेशा जब भी चिमनी कुकिंग के लिए खरीदें तो हॉब की चौड़ाई के बराबर या उससे थोड़ी ज़्यादा होनी चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर चिमनी हॉब से छोटी होगी, तो वह किनारों से निकलने वाले धुएं और तेल के कणों को ठीक से खींच नहीं पाएगी।जिसके वजह से धुंए , तेल के कण और ग्रीस को अच्छी तरह से साफ़ कर सके।
उदाहरण के लिए:
- अगर आपका हॉब 60 सेमी चौड़ा है (आमतौर पर 3 या 4 बर्नर वाला), तो आपको कम से कम 60 सेमी चौड़ी चिमनी लेनी चाहिए।
- अगर आपका हॉब 90 सेमी चौड़ा है (आमतौर पर 4 से ज़्यादा बर्नर वाला), तो आपको 90 सेमी चौड़ी चिमनी लेनी चाहिए।
2. चिमनी की स्थापना
अपने रसोई के लिए जब भी चिमनी को कुकटॉप के ऊपर सेट करें ,कि आम तौर पर, गैस हॉब से चिमनी की दूरी 26 से 30 इंच (65 से 75 सेमी) की ऊंचाई पर होनी चाहिए। चिमनी को आपके हॉब से एक निश्चित ऊँचाई पर स्थापित किया जाना चाहिए। अगर चिमनी बहुत ऊपर होगी, तो उसकी सक्शन क्षमता कम हो जाएगी। अगर वह बहुत नीचे होगी, तो वह खाना पकाने में बाधा डालेगी और गर्मी से उसे नुकसान भी हो सकता है। एक निश्चित ऊंचाई से चिमनी का वातावरण बेहतर और गर्म हवा का खींचाव बढ़िया बना रहेगा।
3. रसोई का आकार और डिज़ाइन :
सही चिमनी का डिज़ाइन और आकार रसोई के कुल डिज़ाइन और वेंटिलेशन पर भी निर्भर करता है। सही चिमनी का आकार आपके कुकटॉप के आकार से बड़ा होना चाहिए।
- छोटी रसोई: एक छोटी और कॉम्पैक्ट रसोई के लिए, 60 सेमी की चिमनी पर्याप्त रहती है।
- खुली रसोई (Open kitchen): अगर आपकी रसोई का लेआउट खुला है, तो आपको 90 सेमी या उससे ज़्यादा चौड़ी चिमनी की ज़रूरत हो सकती है, ताकि वह ज़्यादा से ज्यादा रसोई से धुएं को पूर्ण रूप से बाहर निकाल सके।
5. अन्य ज़रूरी बातें: चिमनी ख़रीदने से पहले क्या-क्या देखें?
अच्छे रखरखाव के लिए एक सही चिमनी चुनने के लिए सिर्फ उसके प्रकार, सक्शन पावर और आकार पर ध्यान देना ही काफी नहीं होता है, बल्कि कुछ और भी ज़रूरी बातें हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए। ये बातें चिमनी के प्रदर्शन, रख-रखाव और आपके अनुभव को बेहतर बनाती हैं। यह सुनिश्चित करें कि चिमनी पर अच्छी वारंटी मिल रही हो और उस ब्रांड की बिक्री के बाद की सेवा (after-sales service) भी अच्छी हो।
1 . चिमनी मोटर वारंटी :
एक अच्छी चिमनी जिसकी कार्यक्षमता रसोई को आकर्षक और सुन्दर बनाती है , किचन चिमनी मोटर का उचित रखरखाव और देखभाल करना भी महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह आने वाले वर्षों तक कार्यात्मक रहे। आज के समय में लगभग सभी कंपनियां 5 वर्ष की वारंटी प्रदान करती हैं जो कि न्यूनतम है, इन्ही में से कुछ की वारंटी 10 या 12 वर्ष होती है। चिमनी एक दीर्घकालिक निवेश है, इसलिए प्रतिष्ठित ब्रांड की चिमनी ही खरीदें।
2 . शोर का स्तर :
अधिक शोर करने वाली चिमनी से ध्वनि प्रदुषण हो सकता है , शोर एक महत्वपूर्ण कारक है। ज़्यादा शोर वाली चिमनी खाना पकाने के अनुभव के साथ – साथ अच्छा दिमाग को खराब कर सकती है। चिमनी खरीदते समय, उसके शोर के लेवल को डेसीबल (dB) में मापा जाता है। न्यूनतम 50-60 dB के बीच की रेटिंग वाली चिमनी को शांत माना जाता है, जबकि 65 से 70 dB से ज़्यादा शोर वाली चिमनी परेशान करने वाली हो सकती है।
3. एलईडी लाइटिंग :
चिमनी में लगी LED लाइट जो खाना पकाने के दौरान हॉब पर बेहतर रोशनी प्रदान करती है। एलईडी लाइट्स को प्राथमिकता देना चाहिए , क्योंकि ये लाइट कम बिजली की खपत करती हैं और सामान्य बल्बों की तुलना में ज़्यादा समय तक चलती हैं।
4 . ऑटो-क्लीन फ़ंक्शन :
चिमनी में ऑटो-क्लीन तकनीक एक बहुत ही महत्वपूर्ण फीचर है, खासकर उन रसोई घरो के लिए जहाँ ज्यादा तेल और मसाले वाले पकवान बनते है , खासकर भारतीय रसोई के लिए। यह फ़ंक्शन चिमनी के अंदर जमी हुई तेल की चिकनाई को पिघलाकर एक अलग ट्रे में जमा कर देता है। इससे आपको बार-बार चिमनी की मैन्युअल सफाई नहीं करनी पड़ती और चिमनी का प्रदर्शन भी बेहतर बना रहता है। यह चिमनी के रख-रखाव को बहुत आसान बना देता है
निष्कर्ष :
सही चिमनी का चुनाव करना अपने पास के वातावरण को स्वच्छ व साफ़ रखना होता है , रसोई को साफ रखने के लिए एक सही चिमनी का चुनाव कैसे करें? जो हमारी रसोई को साफ, धुआं-मुक्त और स्वच्छ रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाती है। जैसा कि हमने इस लेख में देखा, चिमनी सिर्फ एक उपकरण नहीं है, बल्कि एक ज़रूरी निवेश है जो आपकी सेहत और रसोई दोनों के लिए फायदेमंद है।
चिमनी का चुनाव करते समय, इन मुख्य बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- चिमनी का प्रकार: अपनी रसोई के डिज़ाइन के अनुसार सही प्रकार (जैसे वॉल-माउंटेड, आइलैंड या बिल्ट-इन) का चुनाव करें।
- फ़िल्टर का प्रकार: भारतीय रसोई के लिए बैफल फ़िल्टर सबसे प्रभावी होते हैं, क्योंकि ये तेल और चिकनाई को बेहतर तरीके से अलग करते हैं और इन्हें कम रखरखाव की ज़रूरत होती है। अगर आपके पास डक्ट की सुविधा नहीं है, तो कार्बन फ़िल्टर वाली चिमनी एक अच्छा विकल्प है।
- सक्शन पावर: आपके खाना पकाने की आदतों और रसोई के आकार के आधार पर सही सक्शन पावर चुनें। भारतीय खाना पकाने के लिए 1000-1200 m³/hr या उससे ज़्यादा सक्शन पावर वाली चिमनी सबसे अच्छी होती है।
- आकार: चिमनी का आकार आपके कुकिंग हॉब के आकार से मेल खाना चाहिए ताकि वह पूरी तरह से धुएं को खींच सके।
- अतिरिक्त फीचर्स: ऑटो-क्लीन तकनीक, कम शोर स्तर, और अच्छी वारंटी जैसी बातों पर भी ध्यान दें, क्योंकि ये चिमनी के इस्तेमाल को आसान और आरामदायक बनाते हैं।
