साल 2025 के समय के अनुसार रसोई घर के लिए चिमनी बहुत जरुरी है , क्यूंकि आज के समय में मॉड्यूलर रसोई के लिए चिमनी एक ऐसा उपकरण है , जो रसोई से धुंआ , तेल के कण को हटाने के लिए बहुत आवश्यक उपकरण है , उसके अलावा रसोई में धुंआ तेल के कण को फ़िल्टर करने के लिए फ़िल्टर या फ़िल्टरलेस 2025 में कौन सी किचन चिमनी बेस्ट है? ये जानना और समझना या अपने बजट के अनुसार चिमनी को चयन करना बहुत जरुरी है , जो रसोई में होने वाले धुंआ तेल के कण को फ़िल्टर करके रसोई को स्वच्छ , साफ़ और तेल मसाले की गंध से दूर रखती है। जो हमारे बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है –

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Toggleआधुनिक समय के साथ फ़िल्टर या फ़िल्टरलेस 2025 में कौन सी किचन चिमनी बेस्ट है?:
आधुनिक समय के साथ चिमनी वह उपकरण हैं जो रसोई में खाना बनाने के उपरांत होने वाले तेल , मसाले की महेक को खींचने ,धुएं और तेल को फंसाने के लिए चिमनी में एक या एक से ज्यादा फिल्टर लगे होते हैं। ये फिल्टर मुख्य रूप से धुएं और तेल को मोटर तक पहुंचने से रोकते हैं, जिससे चिमनी की लाइफ बढ़ती है।
अगर हम रसोई घर में तेल और मसाले वाला खाना ज्यादा पकाते हैं तो चिमनी और रसोई जड़ी गन्दी भी होना है उससे बचने और साफ रखने के लिए हम रसोई में ज्यादा समय देने में असमर्थ हैं तो उसके लिए फिल्टरलेस ऑटो-क्लीन चिमनी एक सबसे अच्छा विकल्प है। इस बात के मद्देनजर के तौर पे अगर हमारा बजट कम है और आप चिमनी की सफाई खुद कर सकते हैं, तो बैफल फिल्टर वाली चिमनी या फ़िल्टर या फ़िल्टरलेस 2025 में कौन सी किचन चिमनी बेस्ट है?यह भी एक अच्छा और बढ़िया चयन हो सकता है।
फिल्टर वाली चिमनी के फायदे और नुकसान :
- फायदे: फ़िल्टर चिमनी रसोई की गुणवत्ता को बढ़ाने, बेहतर तेल के कण को अवशोषित करने के लिए जानी जाती हैं ,जो धुएं और तेल को अपनी जाली या घुमावदार प्लेटों में फंसाते हैं और हमारे पारंपरिक भारतीय खाना पकाने के लिए उपयुक्त होती हैं।

फिल्टर चिमनी के क्या हैं फायदे –
- किफायती (Affordable): ये ऑटोक्लीन फिल्टरलेस चिमनी की तुलना में कम कीमत पर उपलब्ध होती हैं।
- तेल अवशोषण ( Oil Absorption): खास तौर पे बैफल फिल्टर, जो हमारे भारतीय खाना पकाने के लिए मुख्य रूप से डिज़ाइन की गई हैं, ये रसोई में होने वाले तेल को बहुत अच्छी तरह से अपनी जाली या घुमावदार प्लेटों में फंसाते हैं और चिमनी के मोटर को साफ रखते हैं।
- मजबूत और टिकाऊ (Sturdy and Durable): बैफल फिल्टर अच्छी मजबूती के साथ – साथ स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं, जो मजबूत होने के साथ – साथ लंबे अवधि तक चलने के लिए बेहतर होते हैं।
- कम शोर (Less Noise): हमारे बाजार में कुछ ऐसी भी फिल्टर वाली चिमनियां उपलब्ध हैं जो , खास तौर पर बैफल फिल्टर वाली चिमनी के मुकाबले , फिल्टरलेस चिमनियों की तुलना में कम शोर करती हैं।
फिल्टर चिमनी के क्या हैं नुकसान –
- रोजाना सफाई की ज़रूरत : इस तरह की चिमनियों में फिल्टर पर अक्सर तेल और ग्रीस जम जाती हैं, जिन्हें मैनुअल रूप से साफ करना पड़ता है। नियमित रूप से साफ – सफाई नहीं करते हैं, तो चिमनी की सक्शन पावर कमजोर और स्लो स्पीड हो जाती है।
- रखरखाव (Maintenance): रख – रखाव और रसोई में खाना बनाने के अनुसार से मेश फिल्टर को हर हफ्ते और बैफल फिल्टर को महीने में एक-दो या उससे भी ज्यादा बार साफ करना पड़ता है।
- सक्शन पावर में गिरावट : समय और खाना बनाने के अनुसार फिल्टर के गंदे होने पर, चिमनी की हवा खींचने की सक्शन – क्षमता कमजोर हो जाती है।
फिल्टरलेस चिमनी के फायदे और नुकसान:

आधुनिक भारतीय रसोई में खाना बनाने के हिसाब से फिल्टरलेस चिमनी किचन के लिए एक स्मार्ट और बेहतर विकल्प बनती जा रही हैं , खासकर उन लोगों के लिए जो कम मेंटेनेंस पे और बेहतर परफॉर्मेंस चाहते हैं। चलिए इसके फायदे और नुकसान को विस्तार से समझते हैं
फिल्टरलेस चिमनी के फायदे :
- कम मेंटेनेंस: इस चिमनी में कोई फिल्टर नहीं होता, जिसके वजह से हमें फ़िल्टर को बार-बार साफ करने , धुलने या बदलने की जरूरत नहीं पड़ती।
- बेहतरीन सक्शन पावर: फ़िल्टरलेस्स चिमनी में फिल्टर के न रहने से एयरफ्लो स्मूद रहता है, जिससे धुआं , तेल के कण और गंध जल्दी खिंच जाती है।
- ऑटो-क्लीन फीचर: इस तरह के ज़्यादातर मॉडल्स में ऑटो-क्लीन टेक्नोलॉजी होती है, जिससे एक बटन दबाकर ग्रीस और तेल की सफाई हो जाती है।
- स्टाइलिश डिज़ाइन: ये चिमनियाँ अक्सर स्लिम बॉडी और मॉडर्न स्टाइलिश लुक में आती हैं, जो किचन की डिज़ाइन और शोभा बढ़ाती हैं।
- कम शोर: फ़िल्टरलेस्स चिमनी के कई मॉडल्स में लो नॉइज लेवल होता है, जिससे किचन में काम करते समय शांति और सुकून बना रहता है।
फिल्टरलेस चिमनी के नुकसान :
- फिल्टरलेस चिमनी की उच्च कीमत: फिल्टरलेस चिमनी की नए इंस्टॉलेशन के हिसाब से पुरानी चिमनी की तुलना में अधिक होती है।
- तेल वाले खाने के लिए प्रभावशीलता: भारतीय रसोई के हिसाब से भारी तेल में खाना पकाने पर ये उतनी प्रभावी नहीं होती जितनी बैफल फिल्टर वाली चिमनी होती है।
- बड़े परिवारों के लिए सीमित उपयुक्तता: रसोई में यदि खाना ज्यादा बनता है या दाल फ्राइ अधिक होती है, तो चिमनी के कार्य करने की शक्ति थोड़ी कम हो जाती है।
- किफायती मॉडल्स की कमी: बजट में अच्छे विकल्प ढूंढना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
(महत्वपूर्ण सूचना)
आज के समय के हिसाब से यदि रसोई घर छोटा है, और हमेशा खाना हल्का बनता है और आप मेंटेनेंस के के भारी खर्च से बचना चाहते हैं, तो फिल्टरलेस चिमनी एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। लेकिन अगर इसका जस्ट उल्टा होता है , रोज़ाना हैवी कुकिंग होती हैं, तो आज के हिसाब से बैफल फिल्टर वाली चिमनी ज्यादा लाभकारी हो सकती हैं।
भारतीय रसोई के लिए कौन सी चिमनी बेहतर है?
- भारतीय रसोई जिसमें तेल , मसाले का इस्तेमाल ज्यादा होता है, इन ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, आज के समय में ऑटो-क्लीन और बैफल फिल्टर या फिल्टरलेस चिमनी सबसे उपयुक्त और बेहतर विकल्प मानी जाती हैं। खासकर जब खाना पकाने में तेल, मसाले और तड़का का ज़्यादा इस्तेमाल होता है, तो चिमनी का सही चुनाव बेहद जरूरी हो जाता है
भारतीय रसोई के लिए सबसे उपयुक्त चिमनी के प्रकार :
1. बैफल फिल्टर चिमनी

फायदा: तेल और मसालों के कणों को प्रभावी ढंग से अलग करती है।
उपयुक्तता: हैवी कुकिंग और फ्राइंग के लिए आदर्श।
मेंटेनेंस: फिल्टर को समय-समय पर साफ करना पड़ता है।
2. फिल्टरलेस ऑटो-क्लीन चिमनी
फायदा: कोई फिल्टर नहीं, ऑटो-क्लीन टेक्नोलॉजी से सफाई आसान।
उपयुक्तता: मीडियम से हल्की कुकिंग के लिए बेहतर।
डिज़ाइन: मॉडर्न लुक और टच/जेस्चर कंट्रोल जैसे फीचर्स।
एक सरल सलाह :
• हमारे छोटे भारतीय किचन के लिए: 1000 -1200 m³/hr सक्शन पावर वाली चिमनी पर्याप्त है।
• हमारे बड़े भारतीय किचन के लिए: 1400–1600 m³/hr सक्शन पावर वाली चिमनी चुनना चाहिए ।
• अगर आप हैवी फ्राइंग करते हैं, तो बैफल फिल्टर वाली चिमनी बेहतर रहेगी।
• अगर आप कम मेंटेनेंस चाहते हैं, तो फिल्टरलेस ऑटो-क्लीन चिमनी चुनें।
रखरखाव और बजट :
आज के समय में चिमनी चुनते समय उसका रखरखाव (मेंटेनेंस) और बजट दो सबसे महत्वपूर्ण पहलू होते हैं। जो हमें बहुत ही जरुरी काम या प्रोफेशन समझ कर करना चाहिए अगर आपका बजट थोड़ा सीमित है और आप हैवी कुकिंग करते हैं, तो बैफल फिल्टर चिमनी बेहतर रहेगी, लेकिन आपको नियमित सफाई करनी होगी।
निष्कर्ष:
साल 2025 के हिसाब से, भारतीय रसोई के लिए चिमनी का चुनाव आपकी खाना पकाने की आदत, बजट और रखरखाव की पसंद पर निर्भर करता है। दोनों तरह की चिमनियों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। फ़िल्टर या फ़िल्टरलेस 2025 में कौन सी किचन चिमनी बेस्ट है? ज्यादातर लोग कम मेहनत और ज़्यादा सुविधा चाहते हैं, इसलिए भारतीय रसोई के लिए फिल्टरलेस ऑटो-क्लीन चिमनी को सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। यह आपको बेझिझक खाना पकाने की आजादी देती है और आपकी रसोई को हमेशा साफ और महक-मुक्त रखती है .
Frequently Asked Question :
QUESTION : भारत की नंबर वन चिमनी कंपनी कौन सी है?
ANSWER : आधुनिक समय के हिसाब से भारत की नंबर वन चिमनी में व्हर्लपूल चिमनी को बेस्ट माना जाता है।
QUESTION : भारत में चिमनी के आकार में कौन सा आकार किचन के लिए सबसे अच्छा है?
ANSWER : भारत में चिमनी के आकार में दो से चार बर्नर वाले तथा छोटे से मध्यम आकार वाले रसोई घर के लिए उपयुक्त आकार 60 सेमी चिमनी होना चाहिए। भारी खाना पकाने की आवश्यकताओं वाले बड़े रसोईघरों के लिए 90 सेमी चिमनी सबसे उपयुक्त खरीद है।


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